रायपुर, राज्य शासन के निर्देशानुसार खरीफ विपणन वर्ष
2020-21
में समर्थन
मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी आगामी 01 दिसम्बर 2020
से किया जाना
है। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह
आज महासमुंद जिले के कई धान उपार्जन केन्द्रों का आकस्मिक निरिक्षण किया। खाद्य
सचिव ने किसानों के धान उपार्जन के लिए किए जा रहे तैयारियों का जायजा लेने के लिए
जिले के ग्राम झालखम्हरिया,
बावनकेरा, चौकबेड़ा एवं बड़गॉव तथा कृषि उपज मंडी
बागबाहरा एवं धान उपार्जन केन्द्र घुचापाली का औचक निरीक्षण किया और अधिकारियों को
आवश्यक निर्देश दिए।
सचिव डॉ.
कमलप्रीत सिंह ने कहा कि महासमंुद जिले के कई उपार्जन केन्द्र ओड़िशा प्रांत से लगे
होने के कारण कोचियों के माध्यम से यहां अवैध धान लाने की आशंका बनी रहती है।
इसलिए सीमा में कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। इसके लिए धान खरीदी से पहले नोडल
अधिकारियों की नियुक्ति कर लगातार मॉनिटरिंग कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा
कि धान खरीदी शुरू होने से पहले सभी केन्द्रों में बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित
होनी चाहिए। पिछले वर्ष जिन धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ियां पाई गई थी, वहां कड़ी निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि
इस वर्ष मौसम अनुकूल होने से अधिक धान खरीदी की संभावना है। धान पंजीयन में
किसानों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि गिरदावरी में धान के रकबे पंजीयन हुआ
है। उसी के अनुरूप किसानों द्वारा बोए गए वास्तविक रकबे की खरीदी होनी चाहिए।
खाद्य सचिव ने
धान उपार्जन केन्द्र में आवश्यक व्यवस्था जैसे मुख्य सड़क से खरीदी केन्द्र तक सड़क
की स्थिति,
भूमि की
उपलब्धता,
समतलीकरण एवं
पानी निकासी की व्यवस्था,
केन्द्रों में
पक्के चबूतरों के निर्माण की स्थिति, केन्द्र में भवन,
बिजली, पानी की व्यवस्था, किसान पंजीयन, कम्प्यूटर,
प्रिंटर, यू.पी.एस., जनरेटर,
इंटरनेट आदि की
व्यवस्था,
केन्द्र में
उपलब्ध कांटा-बांट और हमालों की व्यवस्था, आर्द्रता मापी यंत्र,
बारदानों की
उपलब्धता,
बारिश से धान की
बचाव के लिए तिरपाल,
ड्रेनेज की
व्यवस्था एवं किसानों को धान बिक्री के लिए एक सप्ताह पूर्व टोकन जारी करने के
संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण सेवा सहकारी
समिति झालखम्हरिया में उपलब्ध पुराने एवं नए बारदानें की गुणवत्ता भी देखी।
उल्लेखनीय है कि खरीफ सीजन 2020-21 में महासमुंद जिले के एक लाख 40 हजार किसानों ने धान विक्रय हेतु सहकारी समितियों में पंजीयन कराया हैं। जिनका
कुल रकबा 02
लाख 11 हजार हेक्टेयर से अधिक हैं। निरीक्षण के
दौरान महासमुंद जिले के कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी, खाद्य अधिकारी,
उप पंजीयक
सहकारी संस्थाएं,
जिला विपणन
अधिकारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
0 Comments