उत्तर
प्रदेश में अब दोपहिया और चौपहिया वाहनों की नंबर प्लेट और विंड स्क्रीन पर अपनी
जाति की पहचान के तौर पर कोई स्टीकर नहीं लगाया जा सकेगा और अगर कोई ऐसा करते पाया
गया, तो उसके
खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। पिछले कुछ सालों में यहां अपने वाहनों के विंड
स्क्रीन और नंबर प्लेट पर यादव,
जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, पंडित, क्षत्रिय, लोधी और
मौर्या जैसे जातिगत नामों को लिखने के फैशन का बोलबाला देखने को मिला है। ऐसा अकसर
लोग किसी पार्टी के पक्ष में या उसके आधार पर करते हैं।
अतिरिक्त परिवहन आयुक्त मुकेश चंद्र द्वारा सभी
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) को भेजे गए एक आदेश में ऐसे स्टीकर लगे
वाहनों को जब्त किए जाने की बात कही गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश के बाद
परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहनों की पहचान किए जाने का काम शुरू हो चुका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र
के एक शिक्षक के तौर पर कार्यरत हर्षल प्रभु के लिखे एक पत्र के बाद पीएमओ ने इस
मामले को संज्ञान में लिया है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि किसी समाज के
निर्माण में इस तरह के स्टीकर से खतरा पैदा होने की संभावना रहती है।
पत्र पर गौर फरमाने के बाद पीएमओ ने उत्तर प्रदेश
सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया, जिसके बाद
इस अभियान की शुरुआत की गई।
कानपुर के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
डी.के.त्रिपाठी ने कहा,
"हमारी टीम
को हर बीस वाहनों में इस तरह के स्टीकर मिले हैं। मुख्यालय की तरफ से ऐसे वाहन
मालिकों के खिलाफ हमें कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया गया है।"
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