देश के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एवं लौह अयस्क कंपनी एनएमडीसी ने तेलंगाना में विद्यालयों में हर्बल पौधारोपण के माध्यम से निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त पहल का कार्यान्वयन करने के लिए मेसर्स सांतिगिरी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस (सांतिगिरी आश्रम, तिरूवनन्तपुरम की एक इकाई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एनएमडीसी
तथा मेसर्स सांतिगिरी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस के बीच समझौता ज्ञापन
श्री सुमित देब, सीएमडी, एनएमडीसी; प्रणवसुदन, प्रभारी, सांतिगिरी इंस्टीट्यूट, हैदराबाद; पी.के; सतपथी, निदेशक (उत्पादन), अमिताभ मुखर्जी, निदेशक (वित्त), आलोक मेहता, निदेशक (वाणिज्य), सोमनाथ नंदी, निदेशक (तकनीकी), एनएमडीसी के वरिष्ठ
अधिकारियों एवं सांतिगिरी इंस्ट्रीट्यूट के सदस्यों की उपस्थिति में आज एनएमडीसी
में सम्पन्न हुआ।
एनएमडीसी
हमेशा ही सामुदायिक विकास के कार्यों में अग्रणी रहा है। इसी के एक भाग के रूप में
एनएमडीसी अपने प्रचालन के क्षेत्रों में एक जीवंत तथा बहुमुखी सीएसआर कार्यक्रम का
कार्यान्वयन कर रहा है। एनएमडीसी के सीएसआर कार्यक्रमों का एक प्रमुख केंद्र
शिक्षा है। एनएमडीसी यह विश्वास करता है कि समुदायों के विकास में शिक्षा एक
परिवर्तनकारी भूमिका अदा करती है। एनएमडीसी अपने प्रचालन के क्षेत्रों के आसपास
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आवश्यक शैक्षिक सुविधाओं तथा संस्थाओं की स्थापना
करके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान कर रहा है।
सम्पूर्ण
शिक्षा की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए एनएमडीसी ने पारंपरिक साधनों के माध्यम
से निवारक स्वास्थ्य देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए सामाजिक क्षेत्र के एक
प्रतिष्ठित संस्थान "सांतिगिरी"
के प्रस्ताव को उपयुक्त समझा। इस पहल
का उद्देश्य विद्यार्थियों में निवारक आहार नियमों की आदत डालने तथा पारंपरिक
चिकित्सकीय पौधों के बारे में जानने एवं उनके लाभों को समझने में सहायता करना है
जिससे कि वायरल संक्रमणों तथा "कोरोना" जैसी महामारियों के विरूद्ध संघर्ष के लिए समाज को सहायता मिल सके।
इस अवसर पर
बोलते हुए सुमित देब, सीएमडी, एनएमडीसी ने कहा कि "एनएमडीसी ने
सदैव ही प्रकृति तथा इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले असीमित लाभों को महत्व
दिया है। सांतिगिरी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस निवारक स्वास्थ्य
देखभाल संबंधी शिक्षा के अभियान में एक आदर्श भागीदार है जो तेलंगाना में हर्बल
पौधों के वितरण के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच बनाएगा। हम
विद्यार्थियों के लिए इस गठजोड़ को आगे बढ़ाना चाहते हैं जिससे कि वे हर्बल पौधों
की देखभाल के संबंध में शिक्षा प्राप्त कर सकें तथा संक्रमणों एवं बीमारियों से
बचाव के लिए संघर्ष को आगे बढ़ा सकें।"
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