चार साल में बढ़ी 53 फीसदी पारेषण क्षमता : मुख्यमंत्री

 


लखनऊ, 6 मार्च | उत्तर प्रदेश में 24 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति का सपना जल्द ही साकार होने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लगातार प्रयासों से प्रदेश में स्थापित पारेषण तंत्र की भार वहन क्षमता 25000 मेगावाट हो चुकी है। बीते चार सालों में इसमें 53 फीसदी तक इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी, शनिवार को 571.57 करोड़ की लागत से निर्मित 220 केवी के 02 तथा 132 केवी के 09 उपकेन्द्रों का लोकार्पण एवं 1347.91 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले 220 केवी के 10 व 132 केवी के 06 उपकेन्द्रों का शिलान्यास कर रहे थे। योगी ने कहा कि वर्तमान में लगभग 6100 करोड़ रुपये की लागत की पारेषण परियोजनाओं के कार्य पब्लिक - प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) पद्धति से कराया जा रहा है। कहा कि लॉकडाउन में जब लोग घर पर थे, तब बिजली की मांग भी बहुत थी। बावजूद इसके प्रदेश में सभी स्थान पर निर्बाध और पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई।


योगी ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए विद्युत क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' की जरूरत है। आज के युग में बिजली, विकास के लिए मुख्य अवयव है। खेती -किसानी हो, उद्योग-धंधे हों, मेडिकल हो या फिर अध्ययन-अध्यापन, हर कहीं बिजली की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उपभोक्ताओं की हर छोटी-बड़ी समस्या के त्वरित निस्तारण के निर्देश देते हुए उपभोक्ताओं से समय से बिजली बिल जमा करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसा कर सकें तो 24 घंटे बिजली आपूर्ति का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्युत पारेषण तंत्र के उत्तरोत्तर विकास की श्रृंखला की नवीनतम कड़ी के में आज प्रदेश को 27 उपकेंद्रों का उपहार मिल रहा है, इससे अन्य उपकेंद्रों पर भार कम होगा तथा बिजली आपूर्ति और बेहतर होगी। नवलोकर्पित उपकेंद्र बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर अयोध्या, चित्रकूट, सीतापुर और मिजार्पुर जिले में स्थापित हैं, जबकि लखनऊ, वाराणसी, फतेहपुर, गोण्डा, झांसी, फरुर्खाबाद, आगरा, सहारनपुर, मेरठ, महाराजगंज, भदोही, फिरोजाबाद, बस्ती, बांदा, बागपत, कुशीनगर में उपकेंद्रों का शिलान्यास किया गया।


 



मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1.21 लाख से अधिक गांव व मजरों में विद्युतीकरण का कार्य हुआ है। 1.38 करोड़ उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। टोल फ्री नंबर जारी कर किसानों और उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण का काम हुआ है। निर्बाध विद्युत आपूर्ति ने किसानों की लागत को कम किया है और उत्पादन बढ़ाने में योगदान दिया है। आज गांव हों या शहर, हर ओर बिजली चमकती हुई दिखाई देती है। इन परियोजनाओं से प्रदेश में लगभग सभी कमिश्नरी को लाभ मिलेगा।


शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ऊर्जा क्षेत्र के उत्तरोत्तर विकास की प्रतिबद्धता आज मूर्त रूप ले चुकी है, जिसके सुखद परिणाम मिल रहे हैं। बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण सुचारु है।


प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि लगातार हो रहे नियोजित प्रयासों से आज प्रदेश में लो-वोल्टेज की समस्या खत्म हो चली है। रोस्टर का पूरा अनुपालन करते हुए उपभोक्ताओं की शिकायतों का पूरी गंभीरता के साथ निस्तारण किया जा रहा है।





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