मुख्यमंत्री के साथ वर्चुअल बैठक में सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने तन-मन-धन से सहयोग की बात कही

 


रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के स्वयंसेवी, समाज सेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से राज्य में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और इस स्थिति से निपटने के उपायों के संबंध में सुझाव एवं सहयोग का आग्रह किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आग्रह पर स्वयं सेवी, समाज सेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं विभिन्न समाज के प्रमुखों ने कई उपयोगी सुझाव देने के साथ ही राज्य में कोरोना की रोकथाम के लिए शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग का आश्वासन दिया है। संभागीय मुख्यालयों में आयोजित इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संभागीय कमिश्नर, सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित स्वयंसेवी, समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी व समाज प्रमुख शामिल हुए। राज्य के सभी समाजों के प्रमुखों एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों ने कोरोना की रोकथाम के लिए तन-मन-धन से सेवा का संकल्प दोहराया। कई समाज प्रमुखों ने कोविड सेंटर के लिए समाज के भवन, राशि, आवश्यक उपकरण एवं जरूरतमंदों के लिए राशन की व्यवस्था संगठन एवं समाज की ओर से सहर्ष किए जाने की बात कही।

सीएम भूपेश बघेल ने संभागवार सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की और उनसे सुझाव मांगे। दुर्ग जिले के अग्रवाल समाज, कुर्मी समाज, ईसाइ समाज सहित अन्य समाज के लोगों ने अपनी ओर से हर संभव सहयोग की बात कही। अग्रवाल समाज द्वारा 100 बिस्तर कोविड सेंटर तथा 50 बिस्तर वाले ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था किए जाने की जानकारी दी। कोविड मरीजों के सलाह के लिए इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के पदाधिकारियों की सेवाएं लिए जाने का सुझाव दिया गया।

 

रायपुर के सिख समाज, माहेश्वरी समाज, सिंधी महासभा, अग्रवाल समाज, जैन समाज, सिंधी समाज, मुस्लिम समाज, कायस्थ समाज, सहित अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने समाज के भवन कोविड सेंटर के लिए उपलब्ध कराए जाने के साथ ही आक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक धन राशि उपलब्ध कराए जाने की भी बात कही। सिख समाज के पदाधिकारी ने बताया कि खालसा स्कूल एवं गुरू तेग बहादुर स्कूल में 400 बेड वाला कोविड सेंटर तैयार किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई समाज के लोगों ने कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे तथा कॉल सेंटर की व्यवस्था को बेहतर करने का भी सुझाव दिया। कई सामाजिक संगठनों ने इसके लिए जन जागरूकता का अभियान संचालित करने के साथ ही निःशुल्क सेवा के लिए वॉलंेटियर भी उपलब्ध कराने  की बात कही।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बिलासपुर संभाग के साहू समाज, कुर्मी समाज, सिख समाज, मुस्लिम समाज, यादव समाज सहित अन्य समाज के लोगों ने शासन प्रशासन को हरसंभव सहयोग देने की बात कही। समाज के प्रमुखों ने शहरों और गांवों में इस आशय की माईकिंग एवं मुनादी कराने का सुझाव दिया कि लोग बिना काम के घर से बाहर न जाए। बाहर जाने पर कोरोना से बचने के उपायों का कड़ाई से पालन करें। सरगुजा संभाग के नगेशिया समाज के प्रमुख ने लोगों को जागरूक बनाने के लिए स्थानीय बोली में समझाईश दिए जाने की बात कही। मांझी समाज के पदाधिकारी ने कोरोना वैक्सिनेशन के लिए लोगों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए नर्सिंग स्नातक एवं नर्सिंग फाइनल ईयर की छात्राओं को कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार के संबंध में एक सप्ताह ट्रेनिंग देकर उनकी सेवाएं इस कार्य हेतु लिए जाने का सुझाव भी दिया गया। ग्रामीण एवं कस्बाई अंचल में फेरी लगाकर कपड़ा, आईसक्रीम, शरबत, बर्फ गोला एवं अन्य सामग्री बेचने वाले पर भी रोक लगाए जाने का सुझाव दिया गया। सभी समाज के प्रमुखों ने कोरोना से बचने के लिए टीकाकरण पर जोर देने के साथ ही लोगों से यह भी आग्रह किया कि कोरोना को छुपाए नहीं बताएं और जांच कराए तभी इससे बचाव होगा।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी स्वयंसेवी, समाज सेवी संस्थाओं एवं समाज प्रमुखों से सहर्ष सहयोग देने की बात पर उनका धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी समाज के लोगों ने पिछली बार बढ़-चढ़कर सहयोग दिया था और जरूरतमंदों की मदद् की थी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए हम सब मिलकर काम करेंगे और इस लड़ाई को जीतेंगे।

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