पंजीयन प्रक्रिया के सरलीकरण और रियायत से लक्ष्य से ज्यादा संग्रहित हुआ,वर्ष 2020-21 में 5.90 प्रतिशत अधिक हुआ संग्रह

 


रायपुर:छत्तीसगढ़ के पंजीयन विभाग द्वारा अचल सम्पत्ति के अंतरण विलेखों के पंजीयन से स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन फीस के रूप में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1589.42 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लक्ष्य 1500 करोड़ रूपए से 5.90 प्रतिशत अधिक रहा है।

चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त विभाग की ओर से निर्धारित राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 1650 करोड़ रूपए है। अब तक 714.57 करोड़ रूपए राजस्व प्राप्त हुआ है, जो की गत वर्ष की इसी अवधि की राजस्व प्राप्ति 496.58 करोड़ रूपए की तुलना में 44 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनवरी 2019 मंे आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छोटे भू-खण्डों के विक्रय पर लगी रोक को हटाकर ई-पंजीयन प्रणाली में आवश्यक प्रावधान कराया गया। जनवरी 2019 से अब तक छोटे भू-खण्डों से संबंधित 3 लाख से ज्यादा दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है।


राज्य शासन द्वारा दस्तावेजों के बाजार मूल्य निर्धारण करने वाली गाईडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की कमी 25 जुलाई 2019 से की गई। विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा उक्त 30 प्रतिशत की कमी को वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 के लिए भी यथावत रखा गया है। सम्पत्ति के बाजार मूल्य में कमी के साथ ही सम्पत्ति के खरीदी बिक्री में राहत प्राप्त होने से समाज के सभी वर्ग के लिए भूमि, मकान खरीदना आसान हुआ है। इसी तरह से आवासीय भवनों के पंजीयन में 2 प्रतिशत की रियायत दी गई है। शासन द्वारा 75 लाख रूपए कीमत तक के मकान व भवन के विक्रय संबंधी विलेखों पर प्राभार्य होने वाले पंजीयन शुल्क की दर में दो प्रतिशत की रियायत अगस्त 2019 से प्रदान की गई है, जिसे नागरिकों के हितों में ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए पंजीयन शुल्क की रियायत को यथावत रखा गया है।

भूमि खरीदी बिक्री के लिए दी गई रियायतों से छोटे एवं मध्यम परिवारों को अपने मकान खरीदने का सपना पूरा हो रहा है। राज्य शासन द्वारा भूमि के क्रय-विक्रय और मकानों और फ्लेट में दी जा रही पंजीयन में छूट से मकान और भूमि खरीदी के लिए कम कीमत देनी होगी।

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