प्रोजेरिया बीमारी से जूझ रहे शैलेन्द्र को आईजी-एसपी कान्फ्रेंस में बुलवाकर मुख्यमंत्री ने की मुलाकात,अपने हाथों से खिलाई मिठाई, बगल में बिठाकर फोटो भी खिंचवाई


 लाइलाज प्रोजेरिया बीमारी से जूझ रहे गरियाबंद के आदिवासी किशोर शैलेंद्र के जीवन-संघर्ष के बारे में मीडिया से जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज उन्हें रायपुर बुलवाकर आईजी-एसपी कान्फ्रेस के दौरान मुलाकात की। उन्होंने शैलेन्द्र और उनके पिता को अपने साथ भोजन पर भी आमंत्रित किया। एसपी कान्फ्रेंस के बाद पुलिस बल द्वारा मुख्यमंत्री को दिए जाने वाले ‘गार्ड ऑफ ऑनर‘ में शैलेन्द्र को भी स्थान दिया गया।

      मुख्यमंत्री बघेल द्वारा पूछे जाने पर शैलेन्द्र ने बताया कि उनकी उम्र 16 वर्ष है और वे हाई स्कूल रसेला में 11वीं के छात्र हैं तथा भविष्य में कलेक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने शैलेन्द्र को कान्फ्रेंस में उपस्थित मंत्री द्वय रविन्द्र चौबे एवं ताम्रध्वज साहू तथा अधिकारीगण मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का परिचय कराया। मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर संभाग के आईजी पी. सुंदरराज का परिचय देते हुए बताया कि ये नक्सलियों से लड़ते हैं और आईजी इंटेलिजेंस आनन्द छाबड़ा का परिचय देते हुए बताया कि ये सूचना प्रमुख हैं। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान शैलेन्द्र से पूछा कि उन्हें ठेठरी, खुरमी पसन्द है या चॉकलेट। शैलेन्द्र की पसंद पर मुख्यमंत्री ने उसे खूब सारी चॉकलेट दी और अपने हाथों से मिठाई भी खिलायी। बघेल ने आईजी-एसपी कान्फेंस समाप्त होने के बाद शैलेंद्र को न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में बुलाया और अपने बगल की कुर्सी में बिठाकर शैलेंद्र से बड़ी आत्मीयता के साथ बातचीत की। उन्होंने शैलेंद्र से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर शैलेंद्र ने जब बताया कि वह कक्षा ग्यारहवीं का छात्र है, तो मुख्यमंत्री ने इस बात पर उपस्थित लोगों से तालियां बजवाई। शैलेंद्र ने बताया कि उनके पिता बंशीलाल ध्रुव तथा मां रामकली ध्रुव खेती-किसानी करते हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गरियाबंद पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर से शैलेंद्र का परिचय कराया और माथुर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आमंत्रित करने को कहा।

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