केंद्रीय कानून मंत्री का बड़ा बयान, बोले- जजों को सोच-समझकर बोलना चाहिए, आलोचना में बुराई नहीं लेकिन भाषा मर्यादित हो

 


केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू (Kiren Rijiju ) ने न्यायपालिका, विधायिका और चुनाव आयोग के बीच तालमेल पर बात करते हुए जजों को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के बारे में जजों को सोच-समझकर बोलना चाहिए. परिस्थितियों को समझना चाहिए. उन्होंने कहा, न्यायपालिका, विधायिका और चुनाव आयोग के बीच तालमेल होना जरूरी है लेकिन किसी के काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. किसी की भी आलोचना करना ठीक है और की जा सकती है लेकिन भाषा का मर्यादा रहना चाहिए. कोर्ट को भी ध्यान देना चाहिए कि वो किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है. हर कोई अपना काम कर रहा. तीखी आलोचना करने में बुराई नहीं है पर अच्छे कामों की सराहना भी होनी चाहिए.



रिजिजू ने कहा, पूरे देश में नागरिकों के पास वोटर कार्ड होता है और ये सबसे महत्वपूर्ण है, जो नागरिक अधिकार और लोकतंत्र के महत्व को दर्शाता है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इतने सालों में बहुत बेहतरीन काम किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरा खुद का पिछले 7 चुनावों के लड़ने का अनुभव भी बहुत अच्छा रहा है. यही भारत के लोकतंत्र को और मजबूत बनाता है.’


जजों और सहयोगियों को तालमेल बनाने को कहा- रिजिजू

उन्होंने कहा, ‘मैंने सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट के जजों और अपने सहयोगियों को तालमेल बनाकर चलने को कहा है. चुनाव आयोग के बारे में जजों को सोच-समझकर बोलना चाहिए. परिस्थितियों को समझना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘संसद से लॉ रिफॉर्म वाला बिल पास तो हो गया पर मुझे जो सराहना करनी थी, वो मौका नहीं मिला (हंगामे के चलते). आने वाले दिनों में और भी चुनाव सुधार किए जाएंगे.’


आयोग की आलोचना सही नहीं’

उन्होंने चुनाव आयोग की जमकर तारीफ की और कहा, ‘चुनाव आयोग ने कोविड-19 के दौरान जिस तरह का काम किया. उसने लोकतांत्रिक व्यवस्था में परेशानी नहीं आने दी. यह चुनौती को पूरा करना था, ऐसे में आयोग की आलोचना करना सही नहीं है.’ रिजिजू ने कहा, जो लोग लोकतंत्र को चुनौती देना चाहते हैं वो चुनाव आयोग और चुनाव को ही चुनौती देने लगते हैं.


केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, कोरोना काल में भी चुनाव आयोग ने अच्छे तरीके से चुनाव करवाए हैं.


मतदाता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, मतदान अहम नागरिक अधिकारों में से एक है और लोकतांत्रिक संविधान पर आस्था को दर्शाता है. चुनाव में सभी मतदाताओं की हिस्सेदारी अहम है. मौजूदा समय में देश में 95.3 करोड़ मतदाता हैं. हमारा मकसद है कि कोई भी मतदाता व्यवस्था कि कमी से मतदान करने से नहीं छूटे.


उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 में असाधारण परिस्थितियों में आयोग और सहयोगियों ने काम किया, जिसकी पूरी दुनिया में सराहना हो रही है. मैं राजनीति दलों कि सराहना करता हूं कि वो कोविड संबंधित व्यवहार और प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.’



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