रायपुर : ​​​​​​​मंत्री अकबर ने शहर के जीवनदायनी संकरी नदी के जीर्णोद्धार तथा जलसंरक्षण व संवर्धन के लिए चल रहे कार्यों का अवलोकन किया




वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर आज कबीरधाम प्रवास के दौरान कवर्धा शहर के जीवनदायनी संकरी नदी के जीर्णोद्धार तथा जलसंरक्षण व संवर्धन के लिए चल रहे कार्यों का अवलोकन किया। अकबर ने कहा कहा छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के नदी-नालों को जीवनदायनी बनने के क्षेत्र में हर संभव कार्य रही है। इसके लिए नरवा योजना भी बनाई गई है। जरूरत के आधार पर डीएमएफ की राशि का भी उपयोग जल संरक्षण एवं संवर्धन के उपयोग के लिए भी किए जा रहा है। अवलोकन के दौरान कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा तथा कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने सकरी नदी के कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी। कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि समनापुर पुल से सकरहा घाट तक नदी रिवर फ्रंट बनेगा। नदी किनारे दोनों ओर सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसे लेकर जल संसाधन विभाग ने काम शुरू कर दिया है। नदी किनारे गाद, मिट्टी की सफाई की जा रही है। इसके बाद नदी का गहरीकरण करेंगे। ताकि इसमें सालभर कम से कम 5 फीट तक पानी भरा रहे। 

    नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने बताया कि नदी किनारे दोनों ओर ग्रीन बेल्ट के रूप में डेवलप करेंगे। इसके लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाएगा। समनापुर पुल से श्रीरामजानकी मंदिर तक टहलने के लिए 500 मीटर लंबा पाथवे बनाएंगे। करीब 700 वर्गमीटर हिस्से में गार्डनिंग भी की जाएगी। काम दो पार्ट (हिस्से) में कराया जा रहा है। नदी के दूसरी ओर ग्राम पंचायत समनापुर में आता है, इसलिए वहां सौंदर्यीकरण के लिए जिला पंचायत से राशि खर्च होगी। नदी के इस पार नगर पालिका कवर्धा क्षेत्र में आता है, जिसे डीएमएफ (खनिज न्यास मद) से विकसित किया जाएगा। अप्रैल 2022 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 


गंदे पानी को नदी में जाने से रोकने, बनाएंगे नाला 


    शहर की छोटी-छोटी नालियों से होकर गंदा पानी नदी में मिलता है। इसे रोकने के लिए नदी किनारे नाला बनाया जाएगा, जो सीधे मिनीमाता चौक स्थित सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा। प्लांट में गंदे पानी के ट्रीटमेंट के बाद इसे आगे चलकर नदी में छोड़ा जाएगा। 


गर्मी में भी नदी सूखे न, इसलिए बांध से छोड़ेंगे पानी 


    वर्तमान में संकरी नदी का जलस्तर काफी कम है। गर्मियों में यह लगभग सूखने की स्थिति में रहता है। रिवर फ्रंट विकसित होने पर नदी में वर्षभर पानी होना चाहिए, तभी सौंदर्यीकरण का महत्व है। इसे ध्यान में रखते हुए गर्मियों में जलस्तर कम होने पर सरोदा बांध से राजाघाट में पानी छोड़ेंगे, ताकि नदी में पानी की उपलब्धता बनी रहे। 

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