38 बोरियों में नारियल के बोरियो के बीच 1050 किलो गांजा बरामद,कोंडागांव पुलिस ने 2 तस्करों को किया गिरफ्तार

 


छत्तीसगढ़ ,कोंडागांव : राज्य की पुलिस लगातार नशे और उसके अवैध कारोबार के खिलाफ कार्यवाही कर रही है इसी कड़ी में कोण्डागांव पुलिस को गांजा तस्करों को पकड़ने में बड़ी सफलता हाथ लगी है जानकारी के अनुसार कोंडागांव पुलिस ने सफेद रंग की मेटाडोर में गांजा छुपाकर ले जा रहे दो तस्करों को गिरफ्तार किया। कोंडागांव से रायपुर की ओर जाने की सूचना पुलिस को मुखबिर के जरिए मिली, सूचना पर पुलिस ने मर्दापाल के पास चेकिंग प्वाइंट लगाकर जगदलपुर की ओर से आ रहे मेटाडोर को रोका। वाहन की तलाशी में तिरपाल को ढककर नारियल के बीच में प्लास्टिक के 38 बोरियों में 206 पैकेट 1050 किलो गांजा बरामद किया।



पुलिस पूछताछ में पकड़े गए वाहन चला रहे तस्कर ने अपना नाम रवि हसन बदरपुर नई दिल्ली बताया जबकि दूसरे ने राकेश कुमार ग्राम रजावाल थाना गोंडा जिला अलीगढ़ उत्तर प्रदेश का निवासी बताया आरोपितों ने बताया कि वे नारियल और छिपाकर रखे गए गांजा को दिल्ली ले जा रहे थे। ओडिशा से नारियल खरीदने के बाद गांजा भी खरीदा था। आरोपितों ने बताया कि किसी को शक न हो इसलिए नारियल को तिरपाल से ढंक दिया था। पुलिस के मुताबिक बरामद गांजे की अनुमानित कीमत दो करोड़ आंकी हैं ।


आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने एक एंड्रायड मोबाइल और 1500 रुपये नकद और एक एटीएम कार्ड बरामद किया। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट का मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल और पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा अच र्ना धुर ंधर थाना प्रभारी कोण्डागांव उप निरीक्षक कैलाश केसरवानी, स. उ. नि कुजुर,प्र आर 271 महाराणा प्रताप भुआयर्,प्र आर232 रितुराज सिंह आर 549 किरण कुमार मरकाम के द्वारा यह कार्य सफ़ल रहा।


ओडिशा से गांजा लेकर आते हैं तस्कर पुलिस के अनुसार जगदलपुर के धनपूंजी नाके के बाद ओडिशा के कोरापुट और जैपुर जिले से तस्कर गांजा की तस्करी करते हैं। पुलिस की जांच में कई बार गांजा तस्कर पकड़े जाते हैं जबकि कई बार तस्कर जिले से निकले जाते हैं। गांजे की तस्करी करने के लिए तस्कर तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। कार की सीट के नीचे छिपाकर या ट्रक पर लदे सामानों के बीच में छिपाकर ले जाते है। मुखबिर की सटीक सूचना पर पुलिस वाहनों की तलाश में पकड़ती है जबकि कई बार तस्कर जिले से बाहर निकल जाते हैं।

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