जगदलपुर के गोलबाजार में दफन है बापू की भस्म कलश

 


जगदलपुर। सन 1948 में महात्मा गांधी की शहादत के बाद उनके भस्म कलश को देश के विभिन्न जगहों पर भेजा गया था। उनमें से एक छ्त्तीसगढ़ का जगदलपुर भी है। यहां शहर के गोलबाजार में बापू के भस्म कलश को दफनाया गया था। वर्तमान में इस जगह पर बापू की प्रतिमा और जहां कलश दफन किया गया था वहां चबूतरा भी बनाया गया है। हालांकि, बस्तर के अधिकांश लोगों को इसके बारे में कम जानकारी है। आज 2 अक्टूबर के दिन सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्कूली बच्चों ने बापू को नमन किया है।

छत्तीसगढ़ राज्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सदस्य हेमंत कश्यप ने बताया कि, गांधी जी की भस्म कलश को देश के विभिन्न हिस्सों में दर्शन करने के लिए भेजा गया था। स्वतंत्रता सेनानी बिलखनारायण अग्रवाल ने गांधी जी की अस्थियों को जगदलपुर लाया था। दर्शन करने के बाद नदियों में भस्म को सम्मान के साथ विसर्जन करना था। देश के कई हिस्सों में गांधी जी के भस्म कलश को ठंडा किया गया था। लेकिन, हिंदुस्तान की सरजमीं पर दो शहर ऐसे थे जहां बापू के कलश को दफनाया गया था। इनमें एक मध्य प्रदेश के धार जिले में नर्मदा नदी किनारे और दूसरा बस्तर जिले के जगदलपुर के गोल बाजार में।

उन्होंने बताया कि, इस इतिहास के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। बस्तर से महात्मा गांधी की यादें जुड़ी हैं। एक साल पहले इसी स्थान पर गांधी जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। तब इसकी जानकारी शहर के लोगों को लगी। जिसके बाद अब लोगों का कहना है कि गांधी जी के भस्म कलश के बारे में लोगों को जानकारी होनी चाहिए। यह भस्म कलश जगदलपुर शहर के गोलबाजार में दफनाया गया था। इस जगह को आज गांधी चौराहा और झंडा चौराहा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि, इस जगह को सहेज कर रखना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को इसके बारे में जानकारी मिल सके।

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