मुख्यमंत्री गुरू घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए,गुरूगद्दी पर मत्था टेक राज्य की खुशहाली के लिए लिया आशीर्वाद



 मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल  बिलासपुर जिले के तहसील मुख्यालय बिल्हा में आयोजित गुरू घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए। उन्होंने यहां गुरू घासीदास गुरूद्वारा  गुरूगद्दी एवं जैतखाम पर मत्था टेक कर राज्य की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए बाबा का आशीर्वाद लिया। उन्होंने सतनामी समाज के अनुरोध पर बोड़सरा धाम में सांस्कृतिक भवन के लिए 1 करोड़, बिल्हा घासीदास गुरूद्वारा एवं पत्थरखदान में सतनामी समाज के सामुदायिक भवन भवन के लिए 30-30 लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री  बघेल का सतनामी समाज के राजमहंतों एवं महंतों ने पारम्परिक पगड़ी पहनाकर अधिनंदन किया।  बघेल ने कहा कि बाबा के बताये सत्य के रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ सरकार हमारे पुरखों एवं महापुरूषों के खुशहाल छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा कर रही है।


 

        मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि बाबा घासीदास के संदेश आज के संदर्भ में ज्यादा प्रासंगिक है। बाबा ने उस समय के समाज में प्रचलित ऊंच-नीच, भेद-भाव, छूआछूत का प्रबल विरोध किया। मनखे-मनखे एक समान का उपदेश दिया। बाबा जी की यही भावना को बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमारे संविधान की प्रस्तावना में भी शामिल किया है। उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद से नहीं बल्कि सामाजिक समरसता से ही समाज एवं देश का विकास होता है। श्री बघेल ने राज्य सरकार की पिछली 4 साल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि खेती पर लाभ का सौदा हो गया है। खेती छोड़ शहर में बस चुके किसान अब गांव की ओर लौटने लगे हैं। जमीन की कीमतें भी बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि विपरित परिस्थितियों के बावजूद हमारी सरकार ने अपने किये हुए वादे पूरे किये हैं। राज्य में आज की तारीख तक 57 लाख मीटरिक टन से ज्यादा धान की खरीदी की जा चुकी है। यह मात्रा चार साल पूर्व संपूर्ण सीजन में खरीदे गये धान की मात्रा से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने साल-दर-साल ज्यादा मात्रा और ज्यादा किसानों से धान खरीदी कर रही है। इस साल 1.10 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
      


 मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी व्यवस्था का हमने सरलीकरण एवं विकेन्द्रीकरण किया है। नये खरीदी केन्द्र खोलकर किसानों के नजदीक पहुंचे हैं। किसानों को अब ज्यादा दूर धान बेचने जाना नहीं पड़ता। धान की तौलाई, ढुलाई, भुगतान, मिलिंग सभी काम सुचारू रूप से चल रहे हैं। श्री बघेल ने किसानों को पैरादान की अपील की। उन्होंने कहा कि किसान पैरा को खेत में न जलाएं। इसे गोठानों को दान दें। धरती एवं गौमाता की यह सबसे बड़ी सेवा होगी। मेरा आप सभी किसानों से अनुरोध कि मुझे पैसा नहीं बल्कि पैरा दान में दें। पैरादान से बाबा घासीदास जी का एक बड़े संदेश का पालन होगा। बाबा ने अपने संदेश में गोहत्या के खिलाफ आवाज उठाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एससी एवं ओबीसी केटेगरी के बच्चों के लिए भी संभागीय स्तर पर प्रयास स्कूल खोले जाएंगे। फिलहाल आदिवासी बच्चों के लिए इस तरह के स्कूल सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। आईटीआई के उन्नयन के लिए भी 1200 करोड़ रूपये दिये जाने का निर्णय लिया गया है ताकि अच्छी अधोसंरचना का विकास किया जा सके।
         मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि विधानसभा द्वारा पारित नये विधेयक में अनुसूचित जाति वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुरूप 13 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। वर्ष 2011 की जनसंख्या में राज्य में 12.82 प्रतिशत अनुसूचित जातियों की जनसंख्या रिकार्ड की गई है।यदि 2021 की जनगणना हो जाय और आंकड़े आएंगे तो उनकी जितनी जनसंख्या होगी, उनके अनुरूप आरक्षण प्रतिशत में सुधार किया जायेगा। संविधान में एससी एवं एसटी वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति वर्ग के लोग यदि सहमत हों तो ओबीसी के लिए राज्य में बनाये गये पटेल आयोग की तरह एससी के हेडकाउण्ट के लिए भी आयोग बनाया जा सकता है। राज्य सरकार एससी,एसटी, ओबीसी वर्ग को उनके अधिकार दिलाने के लिए वचनबद्ध है। जयंती समारोंह को बिलासपुर मण्डी अध्यक्ष श्री राजेन्द्र शुक्ला ने भी सम्बोधित किया। स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक  विनोद दीवाकर ने किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव  रश्मि सिंह, विधायक  शैलेश पाण्डेय, पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष  अटल श्रीवास्तव, एपेक्स बैंक अध्यक्ष  बैजनाथ चन्द्राकर, अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष  अभय नारायण राय, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष  प्रमोद नायक, पूर्व विधायक श्री दिलीप लहरिया सहित बड़ी संख्या में सतनामी समाज के अनुयायी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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