जशपुरनगर 27 जुलाई 2023
पशु चिकित्सा सेवायें के उप संचालक डॉ. ए.के. मरकाम ने समस्त पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ एवं समस्त सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी को लम्पी त्वचा रोग के संक्रमण के रोकथाम के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि जशपुर जिले के पड़ोसी जिलों एवं पड़ोसी राज्यों से लम्पी त्वचा रोग के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए इस बीमारी के रोकथाम के लिए अन्य जिला एवं राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में परिवहन किये जाने वाले मवेशियों की सतत् निगरानी रखें एवं किसी भी प्रकार के संक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर आवश्यक औषधि के साथ त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिले एवं राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामों में लगातार शिविर आयोजित कर क्षेत्र के पशुओं में डिटीकिंग एवं लम्पी रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण कराना भी सुनिश्चित करें।
पशु चिकित्सा सेवायें के उप संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि लम्पी त्वचा रोग मवेशियों में विषाणु जनित रोग है जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है। संक्रमित होने की दशा में मवेशियों के शरीर में छोटे-छोटे गठान उभरने लगते हैं। जिसका तत्कालिक उपचार होने पर दो से तीन दिनों में नियंत्रित किया जा सकता है। विलंब होने पर एवं उपचार नहीं होने की स्थिति में गठान बढ़ करके घाव का रूप ले लेता है। जिससे मवेशी कमजोर हो जाते हैं। उपचार नहीं होने पर मृत्यु होने की भी संभावना बनी रहती है। पशुधन विकास विभाग द्वारा इस रोग के नियंत्रण व बचाव के लिए लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। विशेष तौर पर राज्य एवं जिले के सीमावर्ती क्षेत्र लोदाम, पत्थलगांव, लवाकेरा फरसाबहार में विशेष निगरानी रखी जा रही है। समस्त पशुपालकों से अपील किया गया है कि अपने पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखकर संक्रमित पुशओं की सूचना पशु चिकित्सालय में देकर ईलाज आवश्यक करावें एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य पशुओं का टीकाकरण करावें।
इसी कड़ी पत्थलगांव विकासखण्ड के पशु चिकित्सालय तमता में कैंप लगाकर प्रत्येक घरों में जाकर सर्वे किया जा रहा है। तमता चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ प्रभारी डॉ. प्रीति एक्का ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक सर्वे में 2 गाय व बैल में लक्षण पाए गए हैं, जिसे आइसोलेशन में रखकर उपचार किया जा रहा है। ब्लड टेस्ट, स्किन स्क्रैपिंग और लैब टेस्ट के भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन पशुओं का ईलाज नियमित किया जा रहा है। कही और संक्रमण की जानकारी नहीं है।
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