महासमुंद : पशुओं को गलघोंटू रोग से बचाव के लिए लगवाएं टीका


महासमुंद 5 जुलाई 2023

वर्षा ऋतु के पहले ही गौवंशीय व भैंस वंशीय पशुओं में गलघोटू व एक टंगिया बीमारी से बचाव के लिए जिले में सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस आशय की जानकारी देते हुए उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ. आर.एस. पांडे ने बताया कि गलघोटू व एक टंगिया जीवाणु जनित बीमारी है, जो पाश्चुरेला मल्टोसीडा नामक जीवाणु से होती है।
उन्होंने बताया कि ज़िले के ख़ास कर ग्रामीण क्षेत्र में पिछले माह से इस बीमारी की रोकथाम के लिए निःशुल्क पशु चिकित्सा सह केसीसी शिविर एवं गलघोटू एक टांगिया बीमारी के रोकथाम हेतु टीकाकरण कार्य संपादित किया जा रहा है। ग्राम जोबा में मंगलवार 4 जुलाई को लगाए गए शिविर में 438 पशुओं का टीकाकरण तथा पशु उपचार 36, औषधि वितरण 134, कृमि नाशक दवा पान 77, मिनरल मिक्सर वितरण 5 पशुओं का किया गया। पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड हेतु फार्म का वितरण किया गया। पशुपालकों को पशुपालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने प्रोत्साहित किया गया। उक्त शिविर में चल चिकित्सा इकाई महासमुंद से डॉ. यादव, पशु चिकित्सालय तुमगांव से डॉ. चंद्राकर व औषधालय जोबा के समस्त मैदानी अमले उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि गलघोंटू बीमारी में पशुओं को तेज बुखार, आंखों में सूजन तथा गले में संक्रमण व सूजन के कारण घर्र-घर्र की आवाज आती है, सांस लेने में तकलीफ होती है, लार बहने लगता है। इसी प्रकार एक टांगिया बीमारी में बुखार व जांघ के मांसपेशी में दर्द युक्त सूजन होता है, जिसमे चर्र-चर्र की आवाज आती है। इससे जानवर को चलने में परेशानी होती है। एक टंगिया रोग में चार माह से दो वर्ष तक के युवा पशु सबसे अधिक संवेदनशील होते है तथा गलघोटू का टीकाकरण चार माह से ऊपर के सभी उम्र के पशुओं में लगाया जाता है।
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ. पांडे ने पशुपालक किसानों से अनुरोध किया है कि पशुधन विकास विभाग द्वारा निर्धारित टीकाकरण की तिथि को अपने पशुओं को घर में ही रखें तथा अपने पशुओं का अनिवार्यत: टीकाकरण करायें। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्थान से संपर्क किया जा सकता है।

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