बैंकों में कागज की बर्बादी रोकने नई व्यवस्था के लिए आरबीआइ को पत्र


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया को पत्र लिखकर कागज की बर्बादी रोकने एवं ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने की मांग की है। यह व्यवस्था नए वित्तीय वर्ष से ग्राहकों को नई सुविधाएं देने की बात कही है। आरबीआइ को लिखे पत्र में हरीश केडिया ने कहा है कि कागज की बर्बादी रोकने एवं ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक निरंतर सराहनीय प्रयास करता रहा है, जिसकी हम प्रशंसा करते हैं।

कई प्रणाली में अभी भी सुधार की जरूरत है। चेक जमा करने के लिए अभी भी चेक के साथ डिपाजिट स्लीप लगता है जो कि अनावश्यक एवं गैर जरूरी है। कागज एवं समय की बर्बादी एवं काम का दोहरीकरण है। डिपाजिट के लिए जो भी जानकारी देना आवश्यक हो वह चेक के पीछे लिखकर दिया जा सकता है। आइसीआइसीआइ बैंक में चेक जमा करने के लिए डिपाजिट स्लीप की जरूरत नहीं होती है। यही पद्वति सभी बैंकों में लागू किये जाने की जरूरत है। आटीजीएस करने के लिए भी अलग से फार्म भरने की जरूरत नहीं होना चाहिए।

जो भी जानकारी देना आवश्यक हो, वह चेक के पीछे लिखा जा सकता है। एक दो बड़े बैंक में पूरे पेज का आरटीजीएस फार्म है, जबकि अधिकांश बैंक में छोटा सा फार्म है। कई बैंक में अलग से आरटीजीएस फार्म भरने की आवश्यकता नहीं होती है। यही प्रणाली सभी बैंकों में लागू हो। अलग अलग बैंकों में आरटीजीएस करने के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जाता है। लिहाजा चेक में आरटीजीएस शुल्क जोड़ने की आवश्यकता नहीं होना चाहिए। बैंक अपने नियमानुसार खाते से शुल्क काट सकता है। इससे ग्राहकों की परेशानी दूर हो जाएगी।

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