कब-किसे और कैसे मिलेगी विधवा, विधुर पेंशन, पढ़िए EPFO की गाइडलाइन



 EPFO की महत्वपूर्ण पेंशन स्कीम। विधवा-विधुर पेंशन योजना। आज हम आपको बताएंगे कि ‘कब और किसको मिलेगी विधवा या विधुर पेंशन’ और इससे जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारियां।



विधवा-विधुर पेंशन

यदि किसी सदस्य की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो जाए तो उसकी कानूनी पत्नी या पति, जैसा लागू हो, पेंशन पाने के हकदार होंगे। इसके लिए शर्त यह है कि सदस्य ने पेंशन फंड में कम से कम एक महीने का या उसके भाग का अंशदान किया हो। लेकिन यदि किसी सदस्य की मृत्यु नौकरी छोड़ने के 36 महीने के अंदर होती है तो भी उसके परिवार को पेंशन मिल सकती है अन्यथा पेंशन के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल होनी चाहिए।


कैसे और कितना मिलेगी पेंशन, समझिए

विधवा को देय पेंशन राशि इन तीनों में से जो ज्यादा हो वह देय होगी।

1) सदस्य यदि मृत्यु की तिथि पर रिटायर हुआ होता है तो उसे मिलने वाली ‘सदस्य पेंशन’

2) एक हजार रुपए (1,000)

3) पेंशन योजना में टेबल-सी में दी गई राशि


यदि किसी सदस्य की मृत्यु उसकी पेंशन चालू होने के बाद होती है तो उसकी कानूनी विधवा या विधुर पार्टनर को सदस्य की पेंशन राशि की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। यह राशि एक हजार रुपए से कम नहीं होगी। सभी मामलों में पेंशन की राशि यदि एक हजार रुपए से कम बनती है तो उसे एक हजार तक बढ़ा दिया जाएगा। अर्थात न्यूनतम पेंशन की राशि एक हजार रुपए होगी।


पुनर्विवाह पर पेंशन बंद

कानूनी विधवा या विधुर को जीवन पर्यंत पेंशन मिलेगी। किन्तु यदि वह पुनर्विवाह कर ले तो पेंशन बंद कर दी जाएगी। यदि दो या उससे अधिक विधवाएं हो तो सबसे बड़ी विधवा को पेंशन दी जाएगी और उसकी मृत्यु पर अगली जीवित विधवा को पेंशन दी जाएगी। यहां सबसे बड़ी विधवा से आशय यह है कि जिससे सदस्य की शादी पहले हुई है।


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तो यह थी जानकारी EPS 95 के अंतर्गत विधवा या विधुर पेंशन के बारे में। उम्मीद है आपको जानकारी उपयोगी लगी होगी। आप इस न्यूज के लिंक को अधिक से अधिक शेयर करें, ताकि जरूरतमंदों तक यह पहुंच पाए और वह इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा पाएं। 


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