हरित ग्राम संकल्प लेकर निकली रैली, ग्रामीणों ने जाना नाडेप टंकी का निर्माण व लाभ

बैकुण्ठपुर। राज्य शासन के निर्देश पर कोरिया जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर हरित ग्राम की संकल्पना को लेकर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले के द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से रैली निकालकर आम जनों को जल, वन और स्वच्छता के लिए निरंतर जागरूक किया जा रहा है। जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जल संरक्षण संवर्धन के साथ ही ग्राम पंचायतों में पेड़-पौधों के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाकर हरित ग्राम की संकल्पना लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी नरेगा विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में गत पांच जून से यह अभियान जिले भर में अमृत सरोवरों के तट पर पौधारोपण और साफ-सफाई के साथ प्रारंभ किया गया है। इसी कड़ी में अब नाडेप टैंक के निर्माण के साथ ही जल संरचनाओं के संरक्षण हेतु निकासी जल व कचरे का प्रबंधन के प्रति भी आम ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में पर्यावरण प्रबंधन के साथ ही गांव-गांव में स्वच्छता के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीणों को अपने घरों से निकलने वाले कचरे का बेहतर प्रबंधन कैसे किया जाए इसके लिए भी जानकारी प्रदान की जा रही है।

गत दिवस जनपद पंचायत बैकुंठपुर और जनपद पंचायत सोनहत के ग्राम पंचायतों में जल प्रबंधन के साथ कचरा प्रबंधन के लिए नाडेप टैंक का निर्माण किए जाने की प्रक्रिया के बारे में आम ग्रामीणें को अवगत कराया गया। ग्रामीणों को कचरा प्रबंधन के लिए गीले कचरे से किस तरह नाडेप के माध्यम से अच्छी जैविक खाद बनाई जा सकती है इसके लिए प्रशिक्षित किया गया। इसके पहले सभी ग्रामीणों ने पर्यावरण को साफ रखने के लिए अपने दैनिक जीवन में बदलाव लाने की शपथ ली गई। सभी ने संकल्प लिया कि वह खुले में किसी भी तरह का कचरा नहीं फेंकेंगे और अपने गांव के हर गली मोहल्ले को साफ सुथरा बनाए रखेगें। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा पर्यावरण की जागरूकता का संदेश देती हुई रैली भी ग्राम पंचायत में निकाली गई और जल तथा वनों के संरक्षण के संदेश संबंधी नारे लगाए गए। ग्रामीणों को नाडेप टैंक के निर्माण के साथ उसमें किस तरह से बेहतर कचरा प्रबंधन कर खाद बनाई जाए उसके संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान ग्रामीण जनप्रतिनिधि और महात्मा गांधी नरेगा के पंजीकृत श्रमिकों के साथ आम ग्रामीण उपस्थित रहे।

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