कोरबा । बीते 24 घंटे से थम-थम कर हो रही झमाझम वर्षा से नदी-नालों में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। पाली के ग्राम डूमरकछार से बिलासपुर-कोरबा मार्ग में गाजर नाला के ऊपर से बहने लगा है, इसकी वजह से पूरी तरह आवागमन बंद हो गया है। मुख्य मार्ग से जुड़ने के लिए पोटापानी, पंडरीपानी, सोनइपुर, मशीनहा सहित दर्जन भर गांव के लोगों को 25 किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा। इधर दर्री बांध में तान नदी का पानी भरने से सात नंबर गेट को दो फीट खोलकर 4,156 क्यूसेक पानी प्रति घंटा छोड़ा जा रहा। इसकी वजह से हसदेव नदी का जल स्तर बढ़ गया है।
मानसून आगमन के बाद से जिले में बीते चौबीस घंटे के भीतर एक ही दिन में पहली 558.5 मिमी रिकार्ड वर्षा दर्ज की गई है। पाली तहसील में लगातार वर्षा होने से इसका असर डूमरकछार के पास बहने वाली गाजर नाले पर हुआ है। करतली और पुटा को जोड़ने वाली करतली नाला का रपटा टूटने से आवगामन बंद हो गया है। इधर जलाशय और बांध का जल स्तर बढ़ने लगा है। दर्री बांध के ऊपरी क्षेत्र में बहने वाली तान नदी का पानी का बांध में में समाहित होेने से गेट खोलने की नौबत आ गई।
जल संसाधन के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार सात नंबर गेट को खोलकर बांध के जल स्तर को नियंत्रित किया गया है। बताना होगा मानसून पर उमस और धूप होने की वजह से खेतों में दरार पड़ रहे थे। दर्री बांध का गेट खुलने से यह माना जा रहा है क्षेत्र में सूखे की संकट समाप्त हो गई है। जिले के 52 में से एक भी जलाशय में पानी का पूर्ण भराव नहीं हुआ है। चौबीस घंटे से हो रही वर्षा जल से जल स्तर बढ़ने लगा है। ग्रामीण क्षेत्र की तरह शहर में भी वर्षा का व्यापक असर रहा है। लालू राम कालोनी में पानी भरने से लोग हलकान रहे है। दादर नाला में भी पुल के उपर से पानी बहने के लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ी। इसी तरह जाम नाली की वजह से स्टेडियम मार्ग, पुराना बस स्टैंड, टीपीनगर मुख्यमार्ग में पानी भरने आवागमन वर्षा जारी रहने तक बाधित रही
बुधवार की रात से हो रही झमाझम वर्षा से डूमरकछार बस्ती में पानी भर गया। लगातार जल स्तर बढ़ने से आंगनबाड़ी, स्कूल व घरों में भी पानी घुसने लगा। पानी निकास को आसान बनाने के लिए बस्ती से होकर गुजरने वाली प्रधानमंत्री सड़क को काटकर ग्रामीणाें ने पानी का निकास का रास्ता बनाया। तब कहीं जाकर जल स्तर कम हुई। ग्रामीणाें ने बताया कि प्रधानमंत्री सड़क निर्माण के समय जल निकास के लिए संकरा पुल लगाए जाने की वजह से पानी का निकास नहीं हो रहा है।
गाजर नाला के उफान होने से पाली सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गाजर नाला के उफान पर होने से किसानों के पांच बैल नाला में बह गए। ग्रामीणाें ने बताया कि तीन बैलों को किसी तरह से किनारे लाने में सफलता मिली। पोटापानी निवासी हृदयदास के दो बैल अभी भी नहीं मिले हैं। पूरा दिन वर्षा होने की वजह से किसानों की खेती का काम ठप रहा।
बीते दो दिनों से लगातार हो रही थम- थम के वर्षा के बाद बांगो के जल स्तर बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। बीत चार वर्षों से बांगो बांध में पूर्ण भराव नहीं हुआ है। बांध की जल भराव क्षमता 359.66 मीटर है। अब बांध 44 प्रतिशत पानी है। पूरी तरह भरने के लिए 56 प्रतिशत वर्षा जल की जरूरत है। मानसून आगमन के बाद खेतों में पानी की जरूरत को देखते हुए हाइडल प्लांट चलाकर लगातार पानी छोड़ा जा रहा था। अभी भी बांध के तीनों प्लांड को प्रतिदिन 22 घंटे चलाया जा रहा है।
कृषि कार्य अब सूखे की स्थिति से पूूरी तरह मुक्त हो चुकी है। रोपाई और बियासी का काम अभी 65 प्रशित ही शेष है। खेतों में पानी में भर चुके हैं। किसानाें की माने तो अब लगातार वर्षा हुई तो रोपाई का काम बाधित होगा। हाल ही में रोपे गए फसल के बहने की संभावना बढ़ गई। छोटे नालो से लगे खेतों में आवश्यकता से अधिक पानी भराव से मेंड़ टूटने की खबर है। खेती के लिए आवश्यक औसतन वर्षा 624.24 मिमी की तुलना में अब तक 632.40 मिमी वर्षा हो चुकी है।
दीपका के प्रगति नगर कालोनी में पानी भरने से लोग पूरे दिन परेशान रहे। घरों में पानी घुसने से सामान भीगने से काफी नुकसान हुआ है। जल निकास की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह यहां के रहवासियों प्रति वर्ष इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सामान्य वर्षा होने पर जैसे तैसे पानी निकल जाता है लेकिन लगातार वर्षा होने पर पानी भर जाता है। समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने बीते वर्ष प्रदर्शन भी किया था। नगरपालिका परिषद को अवगत कराने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया है।
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