नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर नए राजनीतिक समीकरण तैयार हो रहे हैं. इससे पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' की सरकार के गिरने के आसार हैं. शेर बहादुर देउबा जो नेपाली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं, उन्होंने प्रचंड से इस्तीफा देने को कहा है. प्रचंड सरकार को पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) यानी सीपीएन-यूएमएल का समर्थन प्राप्त था. अब ओली की पार्टी ने प्रचंड सरकार से हाथ खींच लिया है. अब सीपीएन-यूएमएल ने नए राजनीतिक समीकरण तय किए हैं. उसका नेपाली कांग्रेस से गठबंधन हुआ है. हालांकि, प्रचंड ने पीएम पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. वे संसद में विश्वास मत का सामना करने को तैयार हैं. पीएम को 30 दिनों के अंदर विश्वास मत को हासिल करना होगा.
प्रचंड के समर्थन ने चल रही थी देउबा सरकार
आपको बता दें कि नेपाल के पीएम प्रचंड ने इस वर्ष मार्च के माह में शेर बहादुर देउबा की पार्टी को बाहर से समर्थन किया था. देउबा की पार्टी प्रचंड के समर्थन ने चल रही थी. मगर 15 महीनों तक सरकार चलने के बाद ये सरकार गिर गई. मार्च में देउबा की पार्टी को बाहर करके ओली पार्टी सीपीएन-यूएमएल को सरकार में जोड़ लिया गया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते हफ्ते देउबा और ओली की मुलाकात हुई. अब शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस और केपी शर्मा ओली की सीपीएन-यूएमएल के बीच साठगांठ हो चुकी है. दो दलों के बीच यह तय हुआ है कि देउबा और ओली दोनों ही बारी-बारी से पीएम बनेंगे. पहले टर्म में केपी शर्मा ओली पीएम बनेंगे. इसके बाद देउबा को मौका मिलेगा.
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