रायपुर: यह विषय है सीताफल का, कल पलास दिवाकर अपने परिवार के साथ आईसक्रीम खाने गया। तेलीबांधा मरीन ड्राईव के सामने स्थित नेचुरल आईसक्रीम शॉप विगत कई सालो से चल रही है। जो छतीसगढ़ में काफ़ी फ़ेमस है। इसके बहुत से ब्रांच भी है। लेकिन यह केवल नाम का नैचुरल प्राकृतिक है क्युकी नैचुरल के नाम से खाद्य विभाग की नजरो से बचकर इनलोग मिलावट भरी presrvtives आइसक्रीम खिला रहे है जैसे बाक़ी खाने की चीज़ों में कर रहे है शासन की नजरों में धूल झोंकते हुए..यह दुकानदार इस तरह के पाउडर और विभिन्न मिलावटी पदार्थो से युक्त सामग्री का इस्तेमाल करके लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।जिसका घातक प्रभाव लोगो पर पड़ेगा।
अभी बरसात का मौसम चल रहा है इस मौसम में सीताफल नहीं आता लेकिन वहाँ पर नेचुरल आईश्क्रीम में सीताफल फ्लेवर था मैंने अपने परिवार के साथ उसका स्वाद चखा, उसके बाद जिनसे पेमेंट किया रिसेपशनिस्ट से मैंने सवाल किया भैया यह तो पाउडर लग रहा है स्वाद सीताफल कहाँ से आया इस मौसम में, तो उसके पास कोई जवाब नहीं था। तो मेरा खाद्य विभाग से विनती है जब खाने को लेकर इसकी जाँच करायी जाये। क्यो की यह नेचुरल के नाम पर लोगो को बुद्धू बनाने का काम कर रहा है और लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सवाल यह उठता है इस तरह की बड़ी और नामी शॉप्स में इस तरह लोगों को मिलावट वाली आइसक्रीम बेची जा रही पर खाद्य विभाग इन पर ध्यान क्यों नही दे रही।
यह बेहद ही चिंतनीय विषय है लोगो को और खासकर बच्चों में इस तरह के मिलावटी खाद्य पदार्थो का बुरा असर देखने को मिल सकता है। इसको लैब में जांच करके उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए इस पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।
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