धमतरी। खरीफ सीजन 2024-25 में किसानों द्वारा लगाए धान फसल की वास्तविक गिरदावरी संबंधित पटवारियों के माध्यम से किया जाएगा। कलेक्टर नम्रता गांधी की उपस्थिति में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बुधवार को पीवी एप्प के माध्यम से गिरदावरी सत्यापन संबंधी एक दिवसीय प्रशिक्षण राजस्व निरीक्षक, मत्स्य निरीक्षक, खाद्य निरीक्षक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी इत्यादि को दो पालियों में दिया गया।
कलेक्टर गांधी ने कहा कि गिरदावरी सत्यापन राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे समय सीमा में त्रुटिरहित संपन्न किया जाए। इस कार्य को जिम्मेदारी एवं गंभीरता से किया जाए, इसमें लापरवाही की कोई गुंजाईश नहीं होनी चाहिए। गिरदावरी कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए ही गिरदावरी सत्यापन किया जा रहा है। प्रशिक्षण में अपर कलेक्टर जीआर मरकाम, नोडल अधिकारी बीके कोर्राम, संयुक्त कलेक्टर रामकुमार कृपाल, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी उपेन्द्र चन्देल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक दीपचंद भारती ने बताया कि गिरदावरी कार्यों के प्राप्त डेटा की प्रारंभिक प्रकाशन संबंधित ग्राम पंचायत में किया गया है। प्रकाशन से प्राप्त दावा-आपत्तियों का निराकरण कर साफ्टवेयर में आगामी 20 अक्टूबर तक प्रविष्टि की जाएगी। पटवारियों द्वारा संपादित वास्तविक गिरदावरी कार्यों को शत्-प्रतिशत शुद्ध करने के लिए गिरदावरी का सत्यापन के लिए जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों को अधिकृत किया गया है।
जिले के छह लाख पांच हजार खसरों में से पांच प्रतिशत, लगभग 30 हजार 250 खसरों की रेंडमली प्रणाली से तहसील स्तरीय अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा आनलाईन मोबाईल एप्प (पीवी एप्प) के माध्यम से सत्यापन करने शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। तहसील स्तरीय सत्यापनकर्ता द्वारा सत्यापित खसरों में से पांच प्रतिशत खसरों की गिरदावरी सत्यापन का कार्य जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इसी तरह जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जांच की गई खसरों में से दो प्रतिशत ग्रामों के खसरों के गिरदावरी कार्यों की जांच राज्यस्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि इस गिरदावरी सत्यापन प्रक्रिया में सत्यापनकर्ताओं की आईडी में अधिकृत तहसील के ग्राम एवं खसरों को दी गई है। गिरदावरी सत्यापन कार्य 23 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक किया जाएगा। गिरदावरी के दौरान प्राप्त विसंगतियों का निराकरण तहसीलदार माड्यूल में किया जाएगा, जिससे राजस्व अभिलेख परिशुद्ध तैयार हो सके।
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