ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने जारी किया हमले का पहला वीडियो


नई दिल्ली। आखिरकार भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी. मंगलवार आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर भारत ने जिस अंदाज में भारतीय सेना ने आतंकियों के अड्डे पर कोहराम मचाया है. उसके बाद पूरे पाकिस्तान में कोहराम मचा हुआ है. भारतीय सेना ने इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है. इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं. भारत की ये जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है और इसका नाम दिया है ‘ऑपरेशन सिंदूर’ दिया.

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली में अब्बास आतंकी शिविर पर हमले का वीडियो शेयर किया है. भारतीय सेना के अनुसार, कोटली में अब्बास आतंकी शिविर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आत्मघाती हमलावरों के प्रशिक्षण का मुख्य केंद्र था और इसमें 50 से अधिक आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी.

सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर क्या दी जानकारी

'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं. सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई. प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया. 

पहला किसे बनाया गया टारगेट?

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है. यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था. 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था." वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, "रात 1 बजकर पांच मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच हमला किया गया. पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया. नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का चयन किया गया था." 

Post a Comment

0 Comments