बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के 3290 पर रिक्त हैं। बीते डेढ़ साल से कुछ इसी तरह की स्थिति स्कूलों में बनी हुई है। बिना प्राचार्य के पूरा एक शैक्षणिक सत्र निकल गया है। पहले डिवीजन बेंच में याचिका की सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने सभी आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसी तरह की एक याचिका सिंगल बेंच में लगी हुई है। याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस बीच बड़ी संख्या में शिक्षक रिआयर हो गए। इस महीने भी यह सिलसिला जारी रहेगा। जाहिर सी बात है कि प्राचार्यविहीन स्कूलों की संख्या में भी इसी अंदाज में बढ़ोतरी होगी।
राज्य शासन द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के लिए बनाए गए नियमों व मापदंडों का लाभ सभी संवर्ग के शिक्षकों को मिलेगा। यह पहली बार होगा जब शिक्षाकर्मी के रूप में नियुक्त और अब व्याख्याता एलबी संवर्ग में पदोन्नति का लाभ मिल रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने फरवरी 2024 में प्रिंसिपल के पद पर प्रमोशन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की थी। बीते डेढ़ साल के दौरान 400 से ज्यादा शिक्षक रिटायर हो गए। तय समय पर पदोन्नति का लाभ मिलता तो ये सभी शिक्षक प्रिंसिपल के पद से रिटायर होते। पेंशन के साथ ही ग्रेज्युटी व अन्य भुगतान में लाभ मिलता। पदोन्नति मामले में पेंच फंसने के कारण ये शिक्षक लाभ से वंचित रह गए हैं।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि बीते डेढ़ वर्ष से प्राचार्य पदोन्नति को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। प्रमोशन का इंतजार करते-करते शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। स्कूलों में प्राचार्य का पद रिक्त हाेने से शिक्षा व्यवस्था के साथ ही प्रशासनिक कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।
शिक्षा विभाग में 10 और आदिम जाति कल्याण विभाग में बीते 12 वर्षों से प्राचार्य की पदोन्नति नहीं हुई है। प्रदेश में 1897 हाई स्कूल और 2886 हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित की जा रही है। 4783 स्कूल में प्राचार्य के पास स्वीकृत है। हाई स्कूल में 1565 व हायर सेकेंडरी स्कूल में 2011 पद मिलाकर कुल 3576 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त है। मतलब साफ है कि 75 फीसदी स्कूल प्राचार्यविहीन है। 30 अप्रैल को 2813 प्राचार्य की पदोन्नति सूची जारी की गई थी। ई संवर्ग के 1478 व टी संवर्ग के 1335 लेक्चरर व हेड मास्टर को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देते हुए सूची जारी की गई थी। हाई कोर्ट की रोक के चलते इस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।
एक शिक्षक की याचिका पर चल रही सुनवाई
लेक्चरर नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका पर सिंगल बेंच में सुनवाई चल रही है। बीते सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट से कहा था कि एक पद रिक्त रखते हुए शेष पदों के लिए आदेश जारी किया जा सकता है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने 27 ऐसे शिक्षकों की सूची बताई जिनका इस याचिका से सीधेतौर पर ताल्लुक है। इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता सभी 27 पद रिक्त रखते हुए शेष पदों पर पदोन्नति आदेश की मांग की। बता दें कि याचिकाकर्ता नारायण प्रकाश तिवारी 30 जून को व्याख्याता पद से रिटायर हो गए हैं।
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