रायपुर 23 दिसंबर 2025/मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का पहला वर्ष ‘विश्वास वर्ष’ के रूप में समर्पित किया गया था, जिसमें शासन और जनता के बीच विश्वास की पुनर्स्थापना का लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त हुआ। लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करते हुए सरकार ने पारदर्शिता, संवेदनशीलता और संवाद के माध्यम से जनता का भरोसा फिर से अर्जित किया।
उन्होंने कहा कि सेवा का दूसरा वर्ष भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान प्रदेश के आधारभूत ढांचे, सामाजिक विकास और जनकल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण कार्य पूरे हुए। इन उपलब्धियों का विस्तृत ‘रिपोर्ट कार्ड’ आज जनता के समक्ष सीधे प्रस्तुत किया गया, जो सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता का परिचायक है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश को सबसे अधिक आशीर्वाद मातृशक्ति से मिलता है। माताओं और बहनों के स्नेह, विश्वास और समर्थन से ही सरकार को जनसेवा की ऊर्जा प्राप्त होती है। इसी भाव से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने आगामी वर्ष को ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में घोषित किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘महतारी गौरव वर्ष’ के दौरान राज्य की सभी प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों का केंद्रबिंदु माताएँ और बहनें होंगी। यह वर्ष न केवल मातृशक्ति के सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि उनके सशक्तिकरण, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक गरिमा को नई ऊँचाई देने का संकल्प भी सिद्ध होगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महतारी गौरव वर्ष के माध्यम से छत्तीसगढ़ में मातृशक्ति के नेतृत्व, सहभागिता और सम्मान का एक नया अध्याय लिखा जाएगा, जो विकसित और समरस छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव बनेगा।
मुख्यमंत्री ने जनसभा में उपस्थित केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रेरणास्पद उद्बोधन ने कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मार्गदर्शक विचार छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के संकल्प को और अधिक दृढ़ बनाते हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के जांजगीर में ‘जनादेश परब’ के अवसर पर आयोजित ऐतिहासिक जनसभा में उमड़े जनसमर्थन के लिए प्रदेशवासियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह विशाल सहभागिता लोकतंत्र में जनता के अटूट विश्वास और सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों की स्वीकृति का सशक्त प्रमाण है।



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