मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी की 22वीं कड़ी में जनता से हुए रू-ब-रू,बीजापुर जिले के किसान मिर्ची की खेती से प्रति एकड़ कमाएंगे डेढ़ लाख रूपए

 


मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने और लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लोकवाणी में उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में खेती-किसानी और परंपरागत रोजगार के अवसरों को मजबूत करने के अनेक उपाए किए जा रहे हैं जिससे लोगों को आर्थिक मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, लघु धान्य फसलें जिन्हें मिलेट्स कहा जाता है उनके उत्पादन और प्रसंस्करण की व्यवस्था, सिंचाई के लिए निःशुल्क पानी की व्यवस्था, कृषि ऋण माफी, सिंचाई कर माफी, पौनी-पसारी योजना जैसे अनेक कामों से गांव वालों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। हम हर समस्या का समाधान चाहते हैं।



बीजापुर जिले के चंदूर गांव के श्री देवर किष्टैया ने लोक वाणी में रिकॉर्ड किए गए संदेश के माध्यम से बताया कि गांव में बारहमासी रोजगार के अवसर नहीं होने के कारण अनेक ग्रामीण नदी पार तेलंगाना मिर्ची के खेतों में मिर्ची तोड़ाई के लिए जाते थे, लेकिन बचत नहीं हो पाती थी। नई सरकार आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा मिर्ची की खेती के लिए दिए गए सहयोग से अब चंदूर तथा पड़ोसी गांव कोत्तूर और तारलागुड़ा में मिर्ची की खेती की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा बीज खाद, पंप, नलकूप, ड्रिप सिस्टम, मल्चिंग, विद्युत एवं फेंसिंग जैसी मूलभूत सुविधाएं निःशुल्क प्रदाय की गई है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजापुर जिले के चंदूर, तारलागुड़ा और कोत्तूर गांव में जिला प्रशासन द्वारा मिर्ची की खेती की जो पहल की गई है। इससे इन तीन गांवों में 155 एकड़ जमीन के स्वामी 78 किसान परिवारों को मिर्ची की खेती के लिए तैयार किया गया है। डीएमएफ एवं मनरेगा के माध्यम से खेतों की फेंसिंग, बीज, खाद, बोर, ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग एवं विद्युत आदि प्रारंभिक व्यवस्था करके नर्सरी तैयार कर ली गई है। इस तरह जो लोग पहले मूंग की खेती करके प्रति एकड़ लगभग 10 हजार रुपए कमाते थे, वे मिर्ची की खेती करके, एक से डेढ़ लाख रुपए तक प्रति एकड़ कमाएंगे। इसके अलावा मिर्ची तोड़ने के काम में स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार, बेहतर रोजी और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी, जिससे वे अपने गांव, अपने घर और अपने परिवार में रहते हुए काफी राशि बचा सकेंगे।

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