आवाज बेहतर बनाए रखने में वृक्ष भी देते हैं योगदान : मुख्यमंत्री चौहान



मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने विश्व आवाज दिवस (वर्ल्ड वॉइस डे) पर सुप्रसिद्ध ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एस. के. दुबे के साथ नीम, पीपल और अमरुद के पौधे लगाए। श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में मुख्यमंत्री  चौहान के साथ  प्रवीण प्रेमचंदानी, सौरभ अग्रवाल, चेतन पटेल तथा बालिका सृष्टि दुबे ने अपने जन्म-दिवस पर परिजन सहित पौधे रोपे।


आवाजों ने ही कई बार दुनिया की दिशा और धारा बदली


मुख्यमंत्री  चौहान ने पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर विश्व आवाज दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष "विश्व आवाज दिवस" की थीम "यूअर वाइस मेटर्स" है अर्थात आपकी आवाज मायने रखती है। हम सब आवाज का महत्व जानते है और उसके चमत्कार से परिचित हैं। "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है", "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा","मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी" यह एक आवाज ही थी। ऐसी आवाजों ने ही कई बार दुनिया की दिशा और धारा बदली है। बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा था "शिक्षित रहो-सशक्त बनों- संघर्ष करो" ऐसी आवाजों का लोगों और समाज पर व्यापक प्रभाव रहा है।


लम्बे समय तक आवाज खराब रहने को नजर अंदाज न करें: डॉक्टर से लें सलाह


मुख्यमंत्री  चौहान ने विश्व आवाज दिवस पर डॉक्टर्स द्वारा पौधे लगाने की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि आवाज का पर्यावरण से भी संबंध है। यदि प्रदूषण होगा और पर्यावरण असंतुलित रहेगा तो आवाज भी खराब होगी। पर्यावरण ठीक रहने से हवा शुद्ध होगी, शरीर को शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी, व्यक्ति स्वस्थ रहेंगे और आवाज भी ठीक रहेगी। व्यक्तियों की आवाज को बेहतर बनाए रखने में ईएनटी चिकित्सकों के साथ पौधों का भी योगदान है। मुख्यमंत्री  चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील की कि सामान्य सर्दी-जुकाम की स्थिति में 15 दिन में आवाज ठीक हो जाती है। यदि इससे अधिक अवधि तक आवाज खराब रहे तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएँ, इसे नजर अंदाज न करें। यह संकेत हैं कि शरीर में सर्दी-जुकाम के अलावा कोई और समस्या भी है।


उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में अमेरिका के इएनटी सर्जन द्वारा विश्व आवाज दिवस मनाने की शुरूआत की गई थी।









 

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