अंबिकापुर। अंबिकापुर जिले के नमनाकला में शनि मंदिर के पास एक नाबालिग संदिग्ध रूप से मिली। उसने अपने अपहरण की सनसनीखेज कहानी बयां कर पुलिस को सकते में डाल दिया। उसने कहा कि, उसे नशीला इंजेक्शन देकर पिकअप से अपहरण किया गया था। पिकअप में अन्य तीन बड़ी लड़कियां भी थी। उसने कूदकर जान बचाई है। अब अपहरण की कहानी झूठी निकली। जानकारी के मुताबिक, घटना सोमवार रात करीब 9,30 बजे की है। सूचना पर गांधीनगर पुलिस मौके पर पहुंची और 13 वर्षीय को थाने ले गई। वो अपना नाम, पता और पिता का नाम भी नहीं बता रही थी। उसने बताया कि पिकअप सवारों ने गले में नशे का इंजेक्शन देकर उसे बेहोश कर दिया था। वह अंबिकापुर में होश आने पर पिकअप से कूद गई। पिकअप में तीन बड़ी लड़कियां भी थी। वो कक्षा आठवीं की छात्रा है।
पुलिस ने शुरुआती पूछताछ के बाद उसे देर रात बालिका गृह में भेज दिया। वहां अन्य बच्चों के साथ रखकर उसे सामान्य करने की कोशिश की गई। अपहरण की सनसनीखेज घटना को लेकर पुलिस दिनभर परेशान रही। पुलिस ने संदिग्ध पिकअप की शिनाख्त के लिए शहर के सीसीटीवी कैमरों का फुटेज खंगाला। दोपहर में बच्ची ने खुद को शांतिपारा का होना बताया। पुलिस ने बतौली थाना क्षेत्र के शांतिपारा को खंगाल डाला, लेकिन कोई ऐसी बालिका लापता नहीं मिली। बच्ची के दिनभर सामान्य होने के बाद देर शाम पुलिस ने बालिका से फिर से पूछताछ की, तो उसने सच्चाई बयां कर दी। उसने बताया कि वह बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर इलाके की है। वह घर से भागकर अंबिकापुर पहुंच गई थी। कुछ समझ में नहीं आया तो उसने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी। सच्चाई का खुलासा होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। सरगुजा एडिशनल एसपी अमोलक सिंह ढिल्लो ने बताया कि बच्ची से पूछताछ में स्थिति स्पष्ट हो गई है। वह घर से भागी थी। वाड्रफनगर क्षेत्र में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पर धारा 363 का अपराध भी दर्ज है। बलरामपुर पुलिस को सूचना दे दी गई है। बुधवार को पुलिस टीम अंबिकापुर पहुंचेगी, तो उन्हें सौंप दिया जाएगा। अपहरण की कोई घटना उसके साथ नहीं हुई थी।
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