रायपुर/ नई दिल्ली 25 नवंबर देश के कृषि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जैविक उर्वरक अब विकल्प नहीं, आवश्यकता बन चुके है। यह विचार सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल मंगलवार को नई दिल्ली में "जैविक एवं जैव उर्वरकों को बढ़ावा” विषय पर केंद्रित रसायन एवं उर्वरक संबंधी संसदीय स्थायी समिति की अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक में रखे।
बैठक में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (उर्वरक विभाग) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें उत्पादन, प्रमाणीकरण और वितरण से जुड़े प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के किसानों की समस्याओं, अनुभवों और आकांक्षाओं को अत्यंत मजबूती और प्रखरता से रखा और कई निर्णायक सुझाव प्रस्तुत किए
बृजमोहन अग्रवाल ने जैविक उर्वरकों की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों तक सरलता से सुनिश्चित करने पर बल दिया।
उन्होंने राज्यवार आवश्यकता के अनुसार उत्पादन क्षमता बढ़ाने तथा प्रमाणीकरण प्रक्रिया को तेज़ और किसान-हितैषी बनाने पर जोर दिया। साथ ही गुणवत्ता नियंत्रण के लिए तकनीकी निगरानी तंत्र को सुदृढ़ करने की बात कही और किसान उत्पादक संगठन (FPOs) तथा महिला स्व-सहायता समूहों को जैविक उर्वरक उत्पादन में जोड़ने का प्रस्ताव रखा।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ‘केमिकल-फ्री खेती’ और ‘प्राकृतिक कृषि’ की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। नीति सुधार, वैज्ञानिक अनुसंधान तथा किसान-केंद्रित योजनाओं का विस्तार—इन सबने भारत में कृषि परिवर्तन की नई गाथा लिखनी शुरू कर दी है। इस परिवर्तन को गांव-गांव तक पहुँचाने के लिए भारत को ऐसे जनप्रतिनिधियों की आवश्यकता है जो किसान की धरती से उठी आवाज़ को नीति-निर्माण के केंद्र तक पहुँचाएं और सांसद बृजमोहन अग्रवाल इस भूमिका को दृढ़ता से निभा रहे हैं।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि “किसानों की समृद्धि, मिट्टी की सेहत और कृषि का भविष्य। इन्हीं तीन आधारों पर आधारित यह बैठक ग्रामीण भारत में नई ऊर्जा का संचार करेगी”।
छत्तीसगढ़ के किसानों के हित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, कृषि सुधारों के प्रति उनकी स्पष्ट दृष्टि और राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत विमर्श में सांसद बृजमोहन अग्रवाल की सक्रियता ने एक बार पुनः यह साबित कर दिया है कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल किसानों की मजबूत आवाज़ और कृषि क्षेत्र के विश्वसनीय नेतृत्वकर्ता हैं।




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