रायपुर, 04 दिसंबर 2025 वन मात्र हमारे संसाधन ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य विरासत हैं। राज्य सरकार वन संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और वन आश्रित समुदायों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त वन प्रबंधन समितियाँ हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। यह बातें वनमंत्री केदार कश्यप ने धमतरी जिले में नवीन वनमंडल कार्यालय का लोकार्पण एवं वन प्रबंधन समितियों के सम्मेलन कार्यक्रम में कहा।
कार्यक्रम में आज वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सांसद रूपकुमारी चौधरी, विधायक अम्बिका मरकाम, विधायक ओंकार साहू, महापौर जगदीश रामू रोहरा तथा छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम सहित जनप्रतिनिधि एवं वन प्रबंधन समितियों के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
वनमंत्री कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि धमतरी जिला प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध है और वन संरक्षण में स्थानीय परंपराएँ और जनभागीदारी हमेशा महत्वपूर्ण रही हैं। उन्होंने कहा कि नया वनमंडल कार्यालय प्रशासनिक कार्यों को गति देगा और वन प्रबंधन समितियों के साथ समन्वय को भी और मजबूत करेगा। वन मंत्री कश्यप ने बताया कि राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को वास्तविक मूल्य दिलाने, रोको-टोको चौकियों के सुदृढ़ीकरण तथा औषधीय पौधों के संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण में जनता की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है और सभी समितियों को पारदर्शी एवं सहभागी तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत पौधारोपण से हुई। इसके पश्चात नवीन वनमंडल कार्यालय भवन का विधिवत लोकार्पण किया गया। लगभग 1.14 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुव्यवस्थित कार्यालय कक्ष, बैठक कक्ष और सभी आवश्यक प्रशासनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। कार्यक्रम के दौरान वन मंत्री कश्यप ने जिले की 32 संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को 3 करोड़ से अधिक राशि के विभिन्न कार्यों के स्वीकृति पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर सांसद रूपकुमारी चौधरी ने भी अपने उद्बोधन में वन विभाग द्वारा धमतरी जिले में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव एवं वन मंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने विभागीय कार्यों और उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।



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