अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर पीएम मोदी का संदेश: दिव्यांगजन हमारी प्रगति के अहम सहभागी

 


नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजनों के सम्मान, अधिकार और अवसरों को सुनिश्चित करने के संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता और दृढ़ निश्चय के बल पर जीवन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं और देश की प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।

“दिव्यांग बहनों और भाइयों की गरिमा, सुगम्यता और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता हमेशा बनी रहेगी

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “दिव्यांग बहनों और भाइयों की गरिमा, सुगम्यता और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी रचनात्मकता और संकल्प के दम पर खास पहचान बनाई है और भारत की राष्ट्रीय प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

सरकार आने वाले समय में इस दिशा में और भी प्रभावी प्रयास करेगी, ताकि दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण व्यापक स्तर पर संभव हो सके

उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्षों में केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें दिव्यांग अधिकारों से जुड़े मजबूत कानून, सुगम एवं बाधारहित अवसंरचना, समावेशी शिक्षा नीतियां और सहायक तकनीक में नवाचार शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार आने वाले समय में इस दिशा में और भी प्रभावी प्रयास करेगी, ताकि दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण व्यापक स्तर पर संभव हो सके।

इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगता से जुड़ी चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनके अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1992 में 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस (IDPD) के रूप में घोषित किया था। इसका उद्देश्य विश्वभर में दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगता से जुड़ी चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनके अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करना तथा एक समावेशी, सुगम और समान अवसरों वाला समाज विकसित करना है।

जब समाज दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है, तब सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर व्यापक सकारात्मक परिवर्तन संभव होते हैं

इस वर्ष का विषय समाज में दिव्यांगजनों की भागीदारी को बढ़ावा देने, उनकी क्षमताओं को पहचानने और सामाजिक प्रगति मंन उन्हें बराबरी का स्थान देने पर केंद्रित है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि जब समाज दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है, तब सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर व्यापक सकारात्मक परिवर्तन संभव होते हैं।

भारत में करोड़ों दिव्यांगजन खेल, कला, साहित्य, विज्ञान, तकनीक, प्रशासन और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं

भारत में करोड़ों दिव्यांगजन खेल, कला, साहित्य, विज्ञान, तकनीक, प्रशासन और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। सरकार द्वारा ‘सुगम भारत अभियान’, दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजनाएं, विशेष शिक्षा कार्यक्रम और नई तकनीकों की उपलब्धता जैसे कदम उनके जीवन में निरंतर सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। 


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